Gita Jayanti 2020 Date : गीता जयंती कब है, जानिए क्यों मनाते हैं यह जयंती
गीता जयंती प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं जो उत्पन्ना एकादशी के बाद आती है। इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह 25 दिसंबर...
View Articleमहाभारत युद्ध जीतने के बाद युधिष्ठिर के समक्ष वेश बदलकर प्रकट हुआ एक राक्षस
पांडवों ने महाभारत का युद्ध जीत लिया था लेकिन यह जीत उनको उतनी खुशी नहीं दे पाई, क्योंकि इस युद्ध में द्रौपदी सहित उनकी अन्य पत्नियों के पुत्र भी मारे गए थे। बचा था तो बस अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु का एक...
View Article25 दिसंबर गीता जयंती : कुरुक्षेत्र में गीता, जानिए 10 रोचक बातें
इस साल 2020 को गीता जयंती की 5157वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। गीता महाभारत के शांति पर्व का एक भाग है। महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था। इस युद्ध में कौरव और पांडवों की सेना ने 18 दिनों तक...
View Articleश्रीकृष्ण ने इस तरह कर्ण को रोका था अन्यथा या तो युद्ध नहीं होता या कौरव जीतते
महाभारत में कुंती पुत्र कर्ण को अधिरथ और राधा ने पाला था। वह बालक गंगा में बहता हुआ एक किनारे से जा लगा। उस किनारे पर ही धृतराष्ट्र का सारथी अधिरथ अपने अश्व को जल पिला रहा था। उसकी दृष्टि मंजूषा में...
View Articleदत्तात्रेय जयंती : जानिए आदिगुरु के बारे में 10 रोचक बातें
प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। भारत के प्रत्येक प्रांत में उन्हें पूजा जाता है। आओ जानते हैं भगवान दत्तात्रेय के बारे में 10 रोचक बातें।
View Articleभगवान ब्रह्मा से 4 वेद जोड़ना कितना उचित?
वेदों का सार उपनिषद और उपदिषदों का सार गीता है। भगवान ब्रह्मा और माता गायत्री के जब हम चित्र देखते हैं तो उसमें चार हाथों में से एक हाथ में वेद को थामें बताया जाता है। फिर हम टीवी सीरियल में देखते हैं...
View Articleमहाभारत में ये 7 लोग जानते थे कि कुरुक्षेत्र के युद्ध का क्या होगा परिणाम
महाभारत का युद्ध आज (2020) से 5157-58 वर्ष पूर्व हुआ था। कुरुक्षेत्र में कौरव और पांडवों के बीच 18 दिन तक लड़े गए इस युद्ध में केवल 18 ही महारथी बचे थे। कौरव के तो कुल का ही नाश हो गया था और पांडवों के...
View Articleक्या भगवान दत्तात्रेय के तीन मुख थे, जानिए 6 रहस्य
प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। उन्हें गुरु वंश का प्रथम गुरु, साथक, योगी और वैज्ञानिक माना जाता है। हिंदू मान्यताओं अनुसार दत्तात्रेय ने पारद से...
View Articleमहाभारत के युद्ध में कौरवों की ओर से लड़ी श्रीकृष्ण की नारायणी सेना के 10 रहस्य
महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण की नारायणी सेना ने कौरव पक्ष की ओर से लड़ाई की थी। दरअसल, कथा के अनुसार युद्ध के पहले दुर्योधन भी श्रीकृष्ण से युद्ध में अपनी ओर से लड़ने का प्रस्ताव लेकर द्वारिका गया।...
View Articleरामायण काल से जुड़े 10 रहस्य जिनसे दुनिया है अनजान
प्राचीन भारत में रामायण काल को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस काल में मानव अपने वर्तमान स्वरूप में विकसित होने के साथ ही उस काल की कई प्रजातियां लुप्त भी हो रही थी। रामायण काल को भारत का सबसे...
View Articleकौन है मनसा देवी, जानिए 10 रोचक बातें
हिन्दू धर्म में कई देवियां हैं उन्हीं में से एक है मनसा देवी। माता मनसा देवी कौन है? क्या वह शिव की पुत्री हैं या कि वो ऋषि कश्यप की पुत्री हैं। क्या है उनकी कहानी और कहां है उनका खास स्थान जानिए वह...
View Articleअयोध्या में कैसा था पूर्व में राम मंदिर और किसने बनवाया था?
भगवान राम की नगरी अयोध्या हजारों महापुरुषों की कर्मभूमि रही है। यह पवित्र भूमि हिन्दुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था। यह राम जन्मभूमि है। इस राम जन्मभूमि पर एक भव्य...
View Articleअश्वत्थामा के मामा कृपाचार्य आज भी जीवित हैं? जानिए 10 रहस्य
हस्तिनापुर के कौरवों के कुलगुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा के मामा कृपाचार्य महाभारत युद्ध में कृपाचार्य कौरवों की ओर से सक्रिय थे। इनकी बहन 'कृपि' का विवाह द्रोणाचार्य से हुआ था। महाभारत के युद्ध...
View Articleश्रीकृष्ण के पिता वसुदेव और माता देवकी की मृत्यु कैसे हुई थी?
मौसुल युद्ध के कारण जब श्रीकृष्ण के कुल के अधिकांश लोग मारे गए तो श्रीकृष्ण ने प्रभाष क्षेत्र में एक वृक्ष के नीचे विश्राम किया। वहीं पर उनको एक भील ने भूलवश तीर मार दिया, जो कि उनके पैरों में जाकर...
View Articleरविवार के संबंध में 20 रोचक बातें, जो आप नहीं जानते
हिन्दू धर्म में गुरुवार के बाद रविवार के सबसे उत्तम दिन माना जाता है। रविवार को लगभग सभी लोगों की छुट्टी रहती है। इस दिन लोग शॉपिंग करते हैं और घुमने-फिरने जाते हैं। कई लोग इस दिन सोते रहते हैं और अपनी...
View Articleभस्म को लगाने या खाने के हैं कई लाभ, जानिए 8 खास बातें
भारत में शैव, नागा या नाथपंथी साधु धूनी रमाते और भस्म धारण करते हैं। आदिदेव शिव के समय से ही परंपरा से भस्म धारण करने का प्रचलन रहा है। भस्म को नागा साधुओं का वस्त्र माना जाता है। भस्म कई प्रकार की...
View ArticleNew year 2021 : सेहत के लिए नए वर्ष में लगाएं घर के आसपास ये पौधे
बहुत से लोग अपने घर के आसपास या गमलों में शो प्लांट लगाते हैं परंतु इनमें से कुछ के लाभ मिलते हैं और कुछ से तो नुकसान ही होता है। अत: ऐसे में आप सिर्फ वहीं पौधे लगाएं जिससे आपको भरपूर लाभ मिलता है और...
View Articleशुक्र नीति के अनुसार इन 4 लोगों से दूरी बनाकर रखें वर्ना पछताएंगे
भारत में कई नीतिकार हुए हैं, जिन्होंने भारत के धर्म और राज्य को एक दिशा दी है। उन्हीं नीतिकारों में से एक प्रसिद्ध नीतिकार हैं शुक्राचार्य। ऋषि भृगु के पुत्र और दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की शुक्र...
View Articleभगवान श्रीकृष्ण को ऋषिकेश क्यों कहा जाता है?
भगवान श्रीकृष्ण को विष्णु का पूर्णावतार कहा गया है। द्वापर युग में जन्मे वे विष्णु के दसावतारों के क्रम में आठवें अवतार और 24 अवतारों के क्रम में संभवत: वे 22वें अवतार थे। भगवान श्रीकृष्ण के सैंकड़ों...
View ArticleRukmini Ashtami 2021 : रुक्मिणी कौन थीं, जानिए 10 बातें
भगवान श्रीकृष्ण की आठ पत्नियां थीं। यथा- रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा। इनमें से रुक्मिणी पहली पत्नि थीं। आओ जानते हैं रुक्मिणी के संबंध में 10 खास बातें।
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