वैकुंठ धाम कहां और कैसा है, जानिए रहस्य
कहते हैं कि मरने के बाद पुण्य कर्म करने वाले लोग स्वर्ग या वैकुंठ जाते हैं। हालांकि वेद यह नहीं कहते हैं कि मरने वे बाद लोग स्वर्ग या वैकुंठ जाते हैं। वेदों में मरने के बाद की गतियों के बारे में उल्लेख...
View Articleक्या सचमुच ही पंचक में मरने वाला पांच अन्य को भी साथ ले जाता है?
गरुड़ पुराण सहित कई धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि यदि पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो उसके साथ उसी के कुल खानदान में पांच अन्य लोगों की मौत भी हो जाती है। क्या यह सच है?
View Articleउल्लू कैसे बना माता लक्ष्मी का वाहन, पढ़िये एक पौराणिक कथा
लुप्त हो रहा है उल्लू। पश्चिमी मान्यता अनुसार किस व्यक्ति को मूर्ख बनाना अर्थात उल्लू बनाना कहा जाता है। इसका यह मतलब की मूर्ख व्यक्ति को उल्लू समझा जाता है, लेकिन यह धारणा गलत है। उल्लू सबसे...
View Articleये हैं प्रमुख परिक्रमाएं और किस देवता की करें कितनी बार परिक्रमा, जानिए...
सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं और सभी ग्रहों को साथ लेकर यह सूर्य महासूर्य की परिक्रमा कर रहा है। भारतीय धर्मों में पवित्र स्थलों के चारों ओर श्रद्धाभाव से चलना 'परिक्रमा' या 'प्रदक्षिणा' कहलाता...
View Articleजब ययाति ने मरने से किया इनकार तो यमराज ने रखी यह शर्त
भारत के चक्रवर्ती सम्राट ययाति को उनके श्वसुर दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने वृद्ध हो जाने का शाप दिया था। उनके शाप के चलते वे तुरंत ही वृद्ध होकर मृत्यु की ओर बढ़ने लगे थे। ययाति की इस कहानी का वर्णन सभी...
View Articleभारत का चक्रवर्ती सम्राट ययाति, जानिए एक सच
हमें वेद-पुराणों में उल्लेखित ययाति के कुल-खानदान को याद रखना चाहिए, क्योंकि इसी से एशिया की जातियों का जन्म हुआ। ययाति से ही आगे चंद्रवंश चला जिसमें से यदुओं, तुर्वसुओं, आनवों और द्रुहुओं का वंश चला।
View Articleद्रौपदी की पांच गलतियां और मच गया महाभारत
महाभारत में द्रौपदी एक अहम् किरदार है। द्रौपदी के जीवन और चरित्र को समझना बहुत ही कठिन है। उन्हें तो सिर्फ कृष्ण ही समझ सकते थे। द्रौपदी श्रीकृष्ण की मित्र थी। मित्र ही मित्र को समझ सकता है। आज हम आपको...
View Articleशर्मिष्ठा, देवयानी और ययाति की रोचक पौराणिक कथा
अत्रि वंश के राजा नहुष के छः पुत्र थे- याति, ययाति, सयाति, अयाति, वियाति तथा कृति। याति परमज्ञानी थे तथा राज्य, लक्ष्मी आदि से विरक्त रहते थे इसलिए राजा नहुष ने अपने द्वितीय पुत्र ययाति का राज्यभिषके...
View Articleपुराणों की प्राचीनता पर एक शोधपूर्ण नजर...
पुराणों पर मध्यकाल से ही विवाद होता आया है। अंग्रेज काल में अंग्रेजों ने इसे अप्रमाणिक ग्रंथ कहना शुरू किया था फिर उनका अनुसारण हमारे यहां के तथाकथित इतिहासकारों ने भी किया। कहते हैं कि इस दुष्प्रचार...
View Articleद्रौपदी को सबसे ज्यादा प्यार था इस पांडव से, कहा- अगले जन्म में तुम्हारी...
द्रौपदी के स्वयंवर में अर्जुन ने भाग लिया था। अर्जुन स्वयंवर की प्रतियोगिता जीत गए थे लेकिन द्रुपद की पुत्री द्रौपदी को पांचों पांडवों के साथ विवाह करना पड़ा। द्रौपदी समय-समय पर पांचों पतियों के साथ...
View Articleभारतीय साफे और टोपियों के बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे
सिर पर पहानावे का प्रचलन तो भारत में ही हुआ, लेकिन ग्रीक, रोमन, फारस, हूण, कुषाण, मंगोल, मुगल आदि के काल में भारतीय परिधानों के साथ ही सिर के पहनावे में भी बदलावा आते गए लेकिन आज भी कुछ पहनावे तो वैसे...
View Articleनास्त्रेदमस की भविष्यवाणी : 'श' नाम का होगा महान भारतीय नेता जो दुनिया को...
नास्त्रेदमस के अनुसार तीसरे महायुद्ध की स्थिति सन् 2012 से 2025 के मध्य उत्पन्न हो सकती है। तृतीय विश्वयुद्ध में भारत शांति स्थापक की भूमिका निबाहेगा। सभी देश उसकी सहायता की आतुरता से प्रतीक्षा करेंगे।...
View Articleशिवलिंग के 10 रहस्य, जानकर शर्तिया चौंक जाएंगे आप
शिवलिंग का शास्त्रों में अर्थ बताया गया है परम कल्याणकारी शुभ सृजन ज्योति। संपूर्ण ब्रह्मांड और हमारा शरीर इसी प्रकार है। भ्रकुटी के बीच स्थित हमारी आत्मा या कहें कि हम स्वयं भी इसी तरह है...बिंदु रूप।...
View Articleखेत में दबा था राजा विक्रमादित्य का सिंहासन, दुनिया हैरान रह गई कहानी जानकर
उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के रहस्यमयी सिंहासन का क्या हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन जब वह सिंहासन धार के राजा राजा भोज को मिला तो मालवा का इतिहास बदल गया। इसके बाद से एक नई परंपरा तो प्रारंभ हुई ही...
View Articleमहाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के पहले जान लें ये जरूरी बातें
यदि आप मध्यप्रदेश की तीर्थनगरी उज्जैन में पुण्य सलिला शिप्रा तट के निकट स्थित 6ठी शताब्दी ईसा पूर्व में निर्मित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकालेश्वर के दर्शन करने जा रहे हैं तो कुछ जरूरी बात...
View Articleजब सांईं बाबा मरकर जी उठे, उन्होंने म्हालसापति को बता दिया था उनके बेटे के...
शिरडी के सांईं बाबा के भक्त म्हालसापति का पूरा नाम म्हालसापति चिमनजी नगरे था। वे पेशे से सुनारी का कार्य करते थे। म्हालसापति ने ही बाबा को सबसे पहले 'आओ साईं' कहकर पुकारा और उन्हें साईं नाम दिया।...
View Articleखुशहाल मैरिज लाइफ जीना है तो द्रौपदी की ये 12 बातें हमेशा याद रखें
ऐसे बहुत से मौके थे जबकि द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की तरह पांडवों को कई महत्वपूर्ण सलाह दी और उनका जीवन के हर मोड़ पर सहयोग किया। द्रौपदी को अनुभवी जानकर कई महिलाएं उनसे सीख लेती थी। ऐसा ही एक किस्सा भगवान...
View Articleसंकट कटेगा और करोड़पति बना देंगी ये 9 जड़ी-बूटियां, आजमाकर देखें
माना जाता है कि पहाड़ों में मिलने वाली ऐसी कई दुर्लभ जड़ी बूटियां है जिन्हें अपने पास रखने, खाने या धारण करने से आपके जीवन में किसी भी प्रकार का संकट नहीं आएगा साथ ही आपको सिद्धियां और धन प्राप्त होगा।...
View Articleविश्व के दो सबसे बड़े प्राचीन हिन्दू मंदिर जो भारत में नहीं हैं, जानिए..
भारत के बहार हिन्दू धर्म से जुड़े कई प्राचीन मंदिर मिल जाएंगे जिसमें से खासकर इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा, थाईलैंड और कंबोडिया में बहुत सारे मंदिर आज भी विद्यमान में उन्हीं में से दो विशालकाय मंदिरों के...
View Articleऐसे जाग्रत करें छठी इंद्री को और बन जाएं एक महान भविष्यवक्ता
छठी इंद्री को अंग्रेजी में सिक्स्थ सेंस कहते हैं। यह क्या होती है, कहां होती है और कैसे इसे जाग्रत किया जा सकता है यह जानना भी जरूरी है। इसे जाग्रत करने के लिए वेद, उपनिषद, योग आदि हिन्दू ग्रंथों में...
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