sarvapitri amavasya | सर्वपितृ अमावस्या के दिन नहीं करेंगे ये 3 कार्य तो होगा...
भूले-बिसरे समस्त पितरों का इस अमावस्या को श्राद्ध किए जाने को लेकर ही इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है। अश्विन माह की अमावस्या तिथि पितरों के श्राद्ध के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। आओ...
View Articleनवरात्रि में करने जा रहे हैं साधना तो रखें 9 बातों का ध्यान
नवरात्रि का पर्व साधना और भक्ति का पर्व है। वर्ष में चार नवरात्रियां अर्थात 36 रात्रियां होती हैं। इसमें से चैत्र एवं अश्विन माह की नवरात्रियां गृहस्थों की साधना के लिए और आषाढ़ एवं पौष की नवरात्रियां...
View Articleसोमनाथ मंदिर का 'बाणस्तंभ' आज भी है रहस्य बरकरार
गुजरात में सोमनाथ के मंदिर में स्थित भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक और पहला ज्योतिर्लिंग है। आक्रमण के पहले सोमनाथ मंदिर का इतिहास बड़ा ही विलक्षण और गौरवशाली था।
View Articleनवरात्रि में उपवास के 5 नियम जान लें वर्ना पछताएंगे
व्रत ही तप है। यह उपवास भी है। हालांकि दोनों में थोड़ा फर्क है। व्रत में मानसिक विकारों को हटाया जाता है तो उपवास में शारीरिक। मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरह के संयम का नवरात्रि में पालन करना जरूरी है...
View Articleनवरात्रि महोत्सव में नवदुर्गा से जुड़े 9 खास मंदिर
नवदुर्गा के सभी रूप माता पार्वती से जुड़े हैं। माता पार्वती के इन रूप में उनका संपूर्ण जीवन और चरित्र समाया हुआ है। माता पार्वती को दुर्गा के समान माना जाता है इसीलिए उन्हें अम्बा और दुर्गा भी कहा जाता...
View Articlevijayadashami 2019 : रावण ने किए थे 10 ऐसे कार्य कि आप दांतों तले अंगुलियां...
रावण बहुत ही ज्ञानी महापंडित होने के साथ ही ज्योतिष, वास्तु और विज्ञान का ज्ञान भी रखता था। वह दिव्य और मायावी शक्तियों का ज्ञाता था। आओ जानते हैं उसके 10 ऐसे कायों के बारे में जिसे जानकर आप आश्चर्य...
View Articlevijayadashami 2019 : रावण के परिवार में कौन-कौन था?
राक्षसराज रावण महापंडित था। उसकी विशाल सेना थी और उसने कई युद्ध लड़े थे। भगवान राम ने उसका वध कर दिया था। आओ जानते हैं उसके परिवार के बारे में।
View Articleमहाबलीपुरम का धार्मिक इतिहास और अद्भुत मंदिर
तमिलनाडु में कई प्राचीन शहर है जिसमें से एक है महाबलीपुरम जो समुद्र तट पर स्थित है। इस शहर का इतिहास बहुत ही प्राचीन और भव्य है। यहां प्रस्तुत है संक्षिप्त जानकारी।
View Articleचीन और दक्षिण भारत के महाबलीपुरम का संबंध है बोधिधर्म से, जानिए रहस्य
बोधी धर्मन या बोधिधर्म एक बौद्ध भिक्षु थे। बोधिधर्म का जन्म दक्षिण भारत के पल्लव राज्य के कांचीपुरम के राज परिवार में हुआ था। वे कांचीपुरम के राजा सुगंध के तीसरे पुत्र थे। छोटी आयु में ही उन्होंने...
View Articleक्या महाभारत काल में नहीं मनाई जाती थी दिवाली?
रामायण काल में दीपोत्सव मनाए जाने का जिक्र मिलता है। राम के अयोध्या आगमन के दौरान दीपोत्सव मनाया गया था। लेकिन क्या महाभारत काल में भी दिवाली मनाई जाती थी? इस संबंध में दो घटनाएं जुड़ी हुई है।
View Articleसंजय छोड़कर चले गए, आग में जलकर हुई धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती की मृत्यु
महाभारत में धृतराष्ट्र की भूमिका बहुत ही अजब थी। कई पाप किए जिसका परिणाम भी छेलना पड़ा। सबसे बड़ा परिणामय यह कि प्रारब्ध के चलते अंधा पैदा होना पड़ा। दरअसल धृतराष्ट्र ऋषि वेद व्यास के पुत्र थे। आप सोच...
View Articlediwali 2019 : रंगोली या मांडना में क्या बनाते हैं और क्यों, जानिए दोनों का फर्क
चौंसठ कलाओं में से एक चित्रकला का एक अंग है अल्पना। इसे ही मांडना भी कहते हैं और इसी का एक रूप है रंगोली। भारत में मांडना विशेषतौर पर होली, दीपावली, नवदुर्गा उत्सव, महाशिवरात्रि और संजा पर्व पर बनाया...
View Articleआखिर क्यों मारे गए अभिमन्यु, जानिए वो 4 कारण जिन्हें आप नहीं जानते
सभी जानते हैं कि अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंसकर इसलिए मारे गए थे क्योंकि उन्हें चंद्रव्यूह को भेदना नहीं याद था लेकिन इसके अलावा 4 कारण ऐसे थे जिसके चलते अभिमन्यु मारे गए।
View Articleसाल में दो बार क्यों आती है हनुमान जयंती? जानिए रहस्य
जयंती अर्थात जिस दिन उनका जन्म हुआ था। हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को अर्थात ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक मार्च या अप्रैल के बीच और...
View Articlenarak chaturdashi 2019 : नरक की सजा सच या भ्रांति
पुराणों में नरक, नरकासुर और नरक चतुर्दशी, नरक पूर्णिमा का वर्णन मिलता है। नरकस्था अथवा नरक नदी वैतरणी को कहते हैं। नरक चतुर्दशी के दिन तेल से मालिश कर स्नान करना चाहिए। इसी तिथि को यम का तर्पण किया...
View Articleदिवाली 2019 : दीपावली पर ऐसे हुआ था अयोध्या में श्रीराम का भव्य स्वागत
भगवान श्रीराम अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद पुन: लौट आए थे। कहते हैं कि वे सीधे अयोध्या न जाते हुए पहले नंदीग्राम भगवान श्रीराम अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद पुन: लौट आए थे। कहते हैं...
View Articleचित्रगुप्त जयंती 2019 : कायस्थ समाज के देवता चित्रगुप्त की वंशावली
भगवान चित्रगुप्त के बारे में सभी जानते होंगे। चित्रगुप्त यमराज के यमलोक में न्यायालय के लेखक हैं। उन्हें यमराज का मुंशी भी कहा जाता है। वे यमराज के बहनोई हैं। ब्रह्मा की काया से उत्पन्न होने के कारण...
View Articleविश्वामित्र जयंती : विश्वामित्र का मेनका से संबंध, जानिए 6 किस्से
विश्वामित्र वैदिक काल के विख्यात ऋषि थे। सभी ने उनका नाम सुना ही होगा। आओ जानते हैं उनके 6 खास किस्से।
View Articleक्षेत्रपाल कौन होता है, क्यों इसकी पूजा करना जरूरी है? जानिए
बहुत कम लोग जानते हैं कि क्षेत्रपाल कौन होते हैं। जब वास्तु पूजा की जाती है तो उसके अंतर्गत क्षेत्रपाल की पूजा भी होती है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी आपको क्षेत्रपाल के मंदिर मिल जाएंगे। खासकर...
View Articleपांडव पंचमी 2019 : पांडवों के जन्म की रोचक कथा और कलियुग में कहां जन्में थे...
कलियुग कार्तिक मास की शुक्ल पंचमी तिथि को पांडव पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। पांडु के पुत्र होने के कारण महाभारत के पांचों योद्धाओं को पांडव कहा जाता था। आज इनके जन्म के संबंध में जानते हैं...
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